धनबाद के भूली B ब्लॉक में पूजा पंडाल ध्वस्त, 9.5 लाख रुपये की लागत से हो रहा था निर्माण
धनबाद, 26 सितंबर 2025 — झारखंड के कोयलांचल क्षेत्र धनबाद में इस बार दुर्गा पूजा की तैयारियों पर बड़ा झटका लगा है। भूली B ब्लॉक में बनाया जा रहा एक विशाल पूजा पंडाल शुक्रवार की शाम तेज आंधी और बारिश के दौरान धराशायी हो गया। इस पंडाल का निर्माण लगभग 9.5 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा था और इसे धनबाद का आकर्षण केंद्र बनाने की तैयारी थी।
सौभाग्य से, हादसे के समय पंडाल में ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे, इसलिए किसी तरह की जान-माल की क्षति की खबर नहीं है। लेकिन इस घटना ने आयोजकों और स्थानीय श्रद्धालुओं को गहरी निराशा में डाल दिया है।
हादसे की पूरी कहानी
भूली B ब्लॉक का यह पंडाल इस वर्ष अपने भव्य स्वरूप और ऊँचाई को लेकर चर्चा में था। जानकारी के अनुसार, इसकी ऊँचाई लगभग 110 फीट रखी गई थी। इसे आधुनिक आर्किटेक्चरल डिजाइन के आधार पर तैयार किया जा रहा था।
शुक्रवार की शाम अचानक मौसम बदला। तेज हवाएँ चलीं और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। इसी दौरान पंडाल की संरचना डगमगाने लगी और देखते ही देखते पूरा ढांचा गिर पड़ा। स्थानीय लोगों ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है।
घटना का विवरण
- प्राप्त समाचारों के अनुसार, पंडाल करीब 110 फीट ऊँचा था।
- इसे भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते अचानक गिरने की जानकारी है।
- वह पंडाल अभी निर्माणाधीन था, पूरी तरह तैयार नहीं था।
- निर्माण की लागत लगभग 9.5 लाख रुपये बताई जा रही है।
- घटना का समय शुक्रवार की शाम बताया जा रहा है, जब मौसम बदला हुआ था।
- इंस्टाग्राम वीडियो और अन्य सोशल मीडिया पोस्टों में गिरने की आवाज़ और मलबे की तस्वीरें सामने आई हैं।
आरोप-प्रत्यारोप और नाराजगी
- स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि पंडाल की निर्माण गुणवत्ता संदिग्ध थी, मजबूती का ध्यान नहीं रखा गया।
- आयोजन समिति द्वारा संरचना के डिजाइन, सामग्री और स्थिरता को लेकर स्पष्ट बयान नहीं दिया गया है।
- कई लोगों ने यह सवाल उठाया है कि इतने ऊँचे पंडाल की निर्माण योजना पहले से ही जोखिम भरी नहीं थी?
- अगर मौसम की चेतावनियाँ थीं, तो आयोजकों को सुरक्षा इंतजाम और आपात तैयारी पहले से ही करनी चाहिए थी।
संभावित कारण और तकनीकी पहलू
धड़ाम-शीर्ष स्रोतों के आधार पर, निम्न कारण इस दुर्घटना के पीछे हो सकते हैं:
- अस्थिर डिज़ाइन
ऊँचाई और भार को सहारा देने के लिए उचित संरचनात्मक डिजाइन आवश्यक होता है। यदि ढाँचा चूका हो या छज्जे ठीक न हों तो भारी हवा में गिरावट संभव है। - मटीरियल की कम-कोटि सामग्री
उपयोग की गई लकड़ी, इस्पात, टेंट सामग्री या मेटल फ्रेम कमजोर हो, तो वह तूफान या बारिश में क्षतिग्रस्त हो सकती है। - संयोजन (जॉइन्टिंग) की कमजोरी
पिलर, रॉड, बोल्ट आदि भागों की जोड़ मजबूत न हो, कलाइ निर्माण में गलती हो, तो पंडाल कमजोर हो जाएगा। - मौसम पूर्व चेतावनियों की अनदेखी
यदि स्थानीय मौसम विभाग ने पूर्व चेतावनी दी हो, तो आयोजकों को समय रहते सावधानी लेनी चाहिए थी। - नियंत्रण अभाव और निगरानी गड़बड़ी
निर्माण के दौरान नियमित निरीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण बहुत जरूरी है। संभव है कि ये प्रक्रियाएँ अनदेखी गई हों।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
हादसे के तुरंत बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। आसपास के लोग सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे।
- कई लोगों का कहना है कि पंडाल का निर्माण ठीक से नहीं हुआ था और गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया।
- कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि इतने बड़े ढांचे को तैयार करते समय इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों से सलाह नहीं ली गई।
- वहीं कुछ लोगों ने इसे “प्राकृतिक आपदा” बताया और कहा कि इतनी तेज हवाओं में कोई भी अस्थायी ढांचा बच पाना मुश्किल होता।
स्थानीय पूजा समिति के पदाधिकारियों ने फिलहाल मीडिया से दूरी बनाए रखी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार समिति अगले कदम पर विचार कर रही है।