सोशल मीडिया से कमाओ नाम और दाम, क्रियेटर्स को 10 लाख तक देगी झारखंड सरकार

सोशल मीडिया से कमाओ: झारखंड सरकार ने कंटेंट क्रिएटर्स को देने का ऐलान किया 10 लाख तक की राशि

रांची, 29 सितंबर:
डिजिटल युग में सोशल मीडिया केवल मनोरंजन का माध्यम ही नहीं, बल्कि रोजगार और आय का सशक्त जरिया बन चुका है। इंस्टाग्राम रील्स से लेकर यूट्यूब शॉर्ट्स और फेसबुक वीडियो तक, हर प्लेटफॉर्म पर क्रिएटर्स अपनी प्रतिभा दिखाकर लाखों लोगों तक पहुँच रहे हैं। अब झारखंड सरकार ने भी इस बढ़ते ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए एक नई महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है – “सोशल मीडिया से कमाओ”। इस योजना के अंतर्गत राज्य के प्रतिभाशाली क्रिएटर्स को एक लाख रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता और मानदेय दिया जाएगा।

योजना का उद्देश्य

राज्य सरकार का कहना है कि इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को डिजिटल माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। आज के दौर में जहां पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ स्किल्स और क्रिएटिविटी भी ज़रूरी हो गई है, वहीं यह योजना उन्हें प्रोत्साहित करेगी कि वे अपनी कला, विचार और नवाचार को सोशल मीडिया पर साझा करें और बदले में आर्थिक सहायता भी प्राप्त करें।

कौन होंगे लाभार्थी?

सूत्रों के अनुसार, यह योजना उन युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है जो पहले से ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और उनके पास पर्याप्त फॉलोअर्स या एंगेजमेंट है। हालांकि योजना केवल “फेमस इन्फ्लुएंसर्स” तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि ऐसे उभरते क्रिएटर्स को भी शामिल करेगी जिनके पास नई सोच और कंटेंट बनाने का हुनर है।

कितनी होगी राशि?

योजना के तहत चयनित क्रिएटर्स को अधिकतम ₹10,00,000 (दस लाख रुपये) तक की राशि दी जाएगी। यह रकम अलग-अलग श्रेणियों में दी जाएगी –

  • छोटे स्तर पर काम करने वालों के लिए ₹1 लाख से ₹2 लाख तक,
  • मध्यम स्तर पर काम करने वालों के लिए ₹5 लाख तक,
  • और बड़े प्रभाव वाले क्रिएटर्स को ₹10 लाख तक।

सरकार का मानना है कि इस प्रोत्साहन राशि से युवा और ज्यादा प्रोफेशनल तरीके से कंटेंट प्रोडक्शन कर पाएंगे।

NIL समझौता (Name, Image, Likeness)

इस योजना के तहत चयनित हर क्रिएटर को सरकार के साथ एक NIL (नेम, इमेज, लाइकनेस) एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने होंगे। इस समझौते का मतलब यह होगा कि सरकार चयनित क्रिएटर्स के नाम, तस्वीर, वीडियो और उनकी डिजिटल पहचान को सरकारी प्रचार, अभियानों और विज्ञापन सामग्रियों में इस्तेमाल कर सकेगी।

यह समझौता लगभग 1000 शब्दों का विस्तृत दस्तावेज़ होगा जिसमें साफ लिखा होगा कि:

  • क्रिएटर अपनी बनाई सामग्री और अपनी डिजिटल पहचान के सीमित अधिकार सरकार को देगा।
  • सरकार इन अधिकारों का प्रयोग केवल सामाजिक, शैक्षणिक और विकास संबंधी अभियानों में करेगी।
  • किसी भी विवादित या अनुचित संदर्भ में क्रिएटर की छवि का इस्तेमाल नहीं होगा।
  • यह अधिकार निश्चित समय-सीमा (जैसे 3 साल) के लिए मान्य रहेंगे।

सरकार का बयान

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
“हम चाहते हैं कि झारखंड के युवा सिर्फ नौकरी की तलाश में न रहें, बल्कि डिजिटल दुनिया की संभावनाओं का लाभ उठाएं। आज हर घर में स्मार्टफोन और इंटरनेट मौजूद है। हमारे युवाओं की रचनात्मकता और मेहनत को एक मंच मिलना चाहिए। इस योजना से वे न केवल अपनी कमाई बढ़ा सकेंगे बल्कि राज्य के विकास अभियानों का भी हिस्सा बनेंगे।”

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